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तीन विधानसभाओं में गुंजल को बढ़त, बूंदी और लाडपुरा में बिरला की सबसे ज्यादा लीड, BJP 41974 से विजय

Gunjal has lead in three assemblies, Birla has maximum lead in Bundi and Ladpura, BJP wins by 41974.

कोटा। कोटा- बूंदी लोकसभा सीट के चुनाव परिणामों में एक बार फिर बीजेपी के प्रत्याशी ओम बिरला ने जीत हासिल की (BJP candidate Om Birla won) है। वह लगातार तीसरी बार इस सीट से जीते हैं। उनके नाम लगातार तीन बार जीत की हैट्रिक लगी है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल इस सीट पर हार गए हैं। हालांकि इस चुनाव में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी है और बीजेपी के वोटों का मार्जिन घटाया है। इस बार बिरला 41974 मतों से विजय घोषित (Birla declared victory by 41974 votes) किए गए।

प्रहलाद गुंजल तीन विधानसभाओं में लीड (Prahlad Gunjal leads in three assemblies) बनाने में कामयाब रहे। यह तीनों विधानसभा ग्रामीण क्षेत्र की है। हालांकि बूंदी ग्रामीण से भी उन्हें उम्मीद थी लेकिन वहां से उनकी लीड नहीं बन पाई। इधर, ओम बिरला ने पांच विधानसभाओं में जीत दर्ज की है और शुरू से आखिर तक लीड बनाकर रखी। मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हुई। पोस्टल बैलेट के बाद पहले राउंड में गुंजल आगे रहे। लेकिन दूसरे राउंड से ओम बिरला ने पांचों विधानसभाओं में लीड़ बनानी शुरू की। चौथे पांचवे राउंड में कोटा दक्षिण में एक बार लीड कम हुई लेकिन उसके बाद फिर उनकी लीड बढ़ती रही। इधर, प्रहलाद गुंजल पीपल्दा, केशोरायपाटन और कोटा उत्तर से ही लीड बरकरार रख सके।

डाक मतपत्र गणना से खुला लीड का खाता
ओम बिरला को डाक मतपत्र से 6100 वोट मिले हैं। जबकि गुंजल को 5899 वोट डाक मतपत्र के जरीए मिलें। इसके बाद केशोरायपाटन से बिरला को 81501 वोट मिले। जबकि गुंजल को यहां से 22395 मतों से लीड मिली और उन्हें यहां से 103896 वोट मिले। कोटा उत्तर में ओम बिरला को 83560 वोट मिले जबकि गुंजल को 94878 वोट मिले। वहीं पीपल्दा में शुरू से ही गुंजल आगे रहे। यहां बिरला को 59699 वोट मिले जबकि गुंजल को 82029 वोट मिले। इसके बाद बिरला को बूंदी में 116101 वोट तो गुंजल को 100995, सांगोद में बिरला को 77497, तो गुंजल को 72166 वोट मिले। कोटा दक्षिण में बिरला को 105645 तो 69997 गुंजल को मिले। लाडपुरा में 114066 बिरला को तो कांग्रेस को 99051, रामगंजमंडी में बिरला को 106327 वोट और गुंजल को 79611 वोट मिले। यहां कुल 10176 मत नोटा को प्राप्त हुए।

रामगंजमंडी और लाडपुरा में मिला धोखा
प्रहलाद गुंजल रामगंजमंडी से विधायक रह चुके है। इलाके में उनका नेटवर्क भी है, लेकिन इसके बाद भी यहां से वह पिछड़ गए। हालांकि गुंजल और उनकी टीम मानकर चल रही थी कि इस सीट पर या तो मार्जन बराबर रहेगा या फिर हजार से दो हजार का अंतर होगा। सबसे बड़ा नुकसान लाडपुरा और रामगंजमंडी में हुआ। लाडपुरा में कई ग्रामीण इलाके आते हैं वहां से गुंजल जीत तय मान रहे थे, लेकिन इन इलाकों में भी वह लीड नहीं ले सके। बूंदी में इस बार मार्जिन कम होने की उम्मीद थी लेकिन वह भी नहीं हो पाया। बूंदी ग्रामीण से भी गुंजल के पक्ष में ज्यादा परिणाम नहीं रहा। दरअसल, चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि गुंजल के वोट टूटे है। जातिगत समीकरण के आधार पर जो वोट वह तय मान रहे थे, वह नहीं मिल पाए। बूंदी बिरला का गढ़ माना जाने लगा है। इधर, दक्षिण बीजेपी का गढ़ रहा है। यहां आरएसएस परिवार के लोग, ब्राहम्ण वोट और एससी वोट हैं।

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2014-2019 में यह था जीत का आंकड़ा
साल 2014 के चुनाव में ओम बिरला ने 644822 वोट हासिल किए थे। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी रहे इज्यराज सिंह को 444040 वोट मिले थे। ओम बिरला दो लाख 782 वोटों से जीते थे। वहीं पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में ओम बिरला ने 800051 वोट हासिल किए थे और कांग्रेस के रामनारायण मीणा ने 520374 वोट हासिल किए थे। ओम बिरला यहां से 279677 वोटों से जीत हासिल की थी। वहीं अबकी बार 41974 वोटों से जीत हासिल की हैं।

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