प्रतापगढ़ शहर के निजी अस्पलात में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। निजी अस्पताल पर खून की कालाबाजारी के आरोप (Accusations of black marketing of blood on private hospital) के साथ प्रशासन से इस अस्पताल पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को कई सामाजिक संगठनो ने ज्ञापन दिया है।
जिले की सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों ने खून के नाम पर रुपये वसूलने वाले निजी अस्पताल की जांच की मांग की है। संस्थाओं के सदस्यों ने बताया कि लोग निस्वार्थ भाव से एक-दूसरे के जीवन बचाने के लिए अपने सारे काम छोड़कर रक्तदान करने आते हैं और बदले में निजी अस्पताल उनसे रुपये वसूलता है, जो कि गलत है। इतना ही नहीं साथ ही विरोध करने वालों को प्रलोभन देकर मुंह भी बंद करते हैं, जो की पूरी तरीके से गलत है।
दोनों संस्थाओं के सदस्य ने शहर के धरियावद रोड स्थित एक निजी अस्पताल पर ब्लड बैंक खुलने से लेकर आज तक कितना रक्तदान हुआ और किन-किन मरीजों को रक्त चढ़ाया गया है, साथ ही उनसे कितने रुपए वसूले हैं। इसकी जांच की मांग जिला कलेक्टर से की है।
संस्था के सदस्यों ने कलेक्टर को ज्ञापन के साथ दो अलग-अलग बिल भी संलग्न किए हैं, जिसमें बताया गया 1550 रुपए ब्लड के और 2 हजार रुपए प्रोसेसिंग चार्ज के कुल 3550 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से मरीज के परिजन से बिल पकड़ाकर ऑनलाइन और कैश के माध्यम से वसूली की गई है।
संस्था के 1 सदस्य ने बताया ने कि 2 अप्रैल के दिन मुझे सूचना मिली की अस्पताल में ब्लड की आवश्यकता है, वह अपने सारे काम छोड़कर वहां पहुंचा, रक्तदान कर जैसे ही बाहर आया तो मरीज के परिजनों ने निजी अस्पताल का एक बिल बताया, जिसमें उनसे 3,550 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से वसूले हैं।
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ज्ञापन में कहा कि इस निजी अस्पताल पर संदेह है कि ऐसे और भी कई लोगों का ब्लड मरीजों को ऊंचे दाम पर बेचा होगा। संस्थाओं के ज्ञापन को प्रमुखता से लेते हुए जिला कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी जीवराज मीणा को मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।