जैसलमेर। जमीअत उलेमा-ए-हिन्द के दीनी तालीम बोर्ड के राष्ट्रीय सचिव मुफ्ती सैय्यद अफ्फान मंसूरपुरी (Mufti Syed Affan Mansoorpuri, National Secretary of Deeni Talim Board of Jamiat Ulema-e-Hind) ने कहा कि जो लोग मदरसों में उच्च शिक्षा अर्जित करते है, उतनी ही बड़ी उनकी जिम्मेवारी राष्ट्र एवं समाज के प्रति बन जाती है। कस्बे के जैसलमेर रोड स्थित मदरसा इस्लामिया दारूल उलूम में बुधवार की रात मदरसे के मोहतमीम कारी मोहम्मद अमीन की अध्यक्षता में आयोजित सालाना जलसे को संबोधित करते हुए मुफ्ती मंसूरपुरी ने कहा कि व्यक्ति को कितने ही बड़े ओहदे तक पहुंचने के बावजूद भी दूसरे को नीचा नहीं समझना एवं अपने से बड़े प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने युवाओं से राष्ट्र एवं समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को समझते हुए समाज सुधार में अपनी भूमिका निभाने, मुल्क के प्रति वफादारी रखने एवं ईमान पर चलने की बात कही, ताकि इल्म के साथ हमारा रिश्ता और मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि ईमान से बड़ी कोई दौलत नहीं होती है। उन्होंने भावीपीढ़ी को शिक्षा, समाजसेवा एवं राष्ट्रसेवा के क्षेत्र में आगे बढ़कर इंसानियत के धर्म केा मजबूत करने का आह्वान किया।
इस मौके पर संबोधित करते हुए मौलाना मोहम्मद हनीफ फलोदी, मुफ्ती युसुफ मांगोलाई, मौलाना मोहम्मद सुल्ताना ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए युवाओं से समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने, आपसी भाइचारे व मोहब्बत को मजबूत करते हुए मुल्क की तरक्की में भागीदार बनने का आह्वान किया। इससे पूर्व 40 छात्रों को मौलवी, 40 को हाफिज, 25 को कारी, पांच को मुफ्ती, सात को अरबी साहित्य, चार को अंग्रेजी साहित्य की तालीम मुक्कमल करने पर उन्हें प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
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पेश की शायरियां व गजले
कार्यक्रम के दौरान अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त मशहूर शायर डॉ.माजिद देवबंदी ने शायरियां व गज़ले पेश की। जिस पर उपस्थित लोगों ने जमकर दाद दी। इस मौके पर मदरसे के नायब मोहतमीम दीन मोहम्मद, हाफिज उभेदुल्ला, मौलवी मोहम्मद मारुफ, मौलवी कुतुबुदीन, मौलवी रहमतुल्ला कासमी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। संचालन मुफ्ती अब्दुल सलाम व मुफ्ती फजलदीन ने किया। कार्यक्रम के अंत में मुल्क की तरक्की, आपसी भाइचारे, सद्भाव, मोहब्बत के लिए दुआ की।