सूचना एवं जन संपर्क विभाग के निदेशक ने सुझाया था अनाउंसर का नाम
जयपुर। राजधानी के रामनिवास बाग में अल्बर्ट हॉल पर हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शपथ ग्रहण समारोह में हुई गड़बड़ी (There was a disturbance in the swearing in ceremony of Chief Minister Bhajanlal Sharma.) को लेकर पीएमओ ने जांच शुरू कर दी है। इसके लिए मुख्य सचिव के जरिए राज्य सरकार से जवाब मांगा गया है। माना जा रहा है कि इस मामले में डीपीआर पर गाज गिर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम संचालन के लिए सूचना एवं जन संपर्क विभाग की ओर से तीन नाम भेजे गए थे। इनमें अतिरिक्त निदेशक अरुण जोशी के लिए सीएमओ से मना कर दिया गया। बाद में मौजूदा निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा की सिफारिश पर सेवानिवृत्त अधिकारी प्रभात गोस्वामी को कार्यक्रम के संचालन का जिम्मा सौंपा गया था।
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जैसे ही उदघोषक की ओर से मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी कहकर संबोधित किया गया तो मोदी ने 2 बार घूरकर भी देखा। लेकिन, उदघोषक ने अपनी गलती ठीक नहीं की। इतना ही नहीं संबोधन के बाद पहले अतिथियों को विराजने के लिए बोल दिया गया। इसके तुरंत बाद ही उन्हें राष्ट्रगान के लिए खड़ा होने को कह दिया गया। इससे मंच पर मौजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा की स्थिति असहज हो गई। पब्लिक में भी भाजपा की काफी किरकिरी हुई।
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बता दें कि पीएमओ से इन्क्वायरी (Inquiry from PMO) आने के बाद मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने सूचना एवं जन संपर्क विभाग के निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा को तुरंत तलब किया। वे उस समय विकसित भारत संकल्प यात्रा की मीटिंग में थे। मीटिंग बीच में छोड़कर वे तुरंत मुख्य सचिव से मिलने गए। कुछ अंतराल के लिए मुख्य सचिव भी उस मीटिंग से ओझल हुईं। बाद में वे मीटिंग में जुड़ीं।