प्रदेश में भाजपा ने अब तक 124, कांग्रेस ने 76 टिकटों की घोषणा की हैं। इनमें बीजेपी ने 11, कांग्रेस ने 15 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट (BJP has given tickets to 11 such candidates, Congress has given tickets to 15 such candidates) दिए हैं जिनके परिवार से कोई न कोई सदस्य विधायक, सांसद, मंत्री रहा है, यानी परिवारवाद, वंशवाद की तस्वीर दोनों ही पार्टियों में दिखाई दी।
राजस्थान करीब 81 ऐसी सीटें हैं, जिन्हें किसी न किसी नेता का गढ़ माना जाता है। इनमें 40 सीटें ऐसे ही नेता परिवारों से जुड़ी हैं, जहां दशकों से परिवार का सियासी दबदबा रहा है। इन 40 में से 26 परिवारों में किसी न किसी को इस चुनाव में टिकट मिल चुका है। एक दूसरे पर आरोप लगाने वाली बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में परिवारवाद व वंशवाद की तस्वीर दिखाई दे रही है। पार्टियों ने 15 बेटे, 6 बेटी-पोती, 3 पत्नियों और एक पुत्रवधू और रिश्तेदार को टिकट दिया है।
वंशवाद का विरोध करने वाली बीजेपी ने इन्हें दिया टिकट
1.विजय बैंसला देवली-उनियारा पूर्व सांसद प्रत्याशी रहे किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र, 2.दीया कुमारी विद्याधर नगर पूर्व सांसद गायत्री देवी और पूर्व जयपुर राजपरिवार से, 3.सिद्धि कुमारी बीकानेर पूर्व दादा करणी सिंह 1952 से 1977 तक सांसद रहे, 4.झाबरसिंह खर्रा श्रीमाधोपुर 4 बार विधायक रहे हरलाल सिंह खर्रा के पुत्र, 5.मंजीत चौधरी मुंडावर पूर्व विधायक धर्मपाल चौधरी के पुत्र, 6.शैलेश सिंह डीग कुम्हेर पूर्व मंत्री डॉ. दिगंबरसिंह के पुत्र, 7.रामस्वरूप लांबा नसीराबाद पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद सांवरलाल जाट के पुत्र, 8.डॉ.ज्योति मिर्धा नागौर पूर्व सांसद नाथूराम मिर्धा की पौत्री, 9.कन्हैयालाल मीणा धरियावद पूर्व विधायक गौतमलाल मीणा के पुत्र, 10. दीप्ति माहेश्वरी राजसमंद पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी की पुत्री, 11.सुमिता भींचर मकराणा पूर्व विधायक श्रीराम भींचर की पुत्रवधू को उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस के परिवारवाद, जिन्हें दिया टिकट
1.सुशीला डूडी नोखा पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी की पत्नी, 2.अनिल शर्मा सरदार शहर दशकों तक जीतते रहे भंवरलाल शर्मा के पुत्र, 3.ब्रजेंद्र ओला झुंझुनूं पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के पुत्र, 4 जुबेर खान रामगढ़ 1990 से एक ही सीट पर लड़ रहे, पिछली बार पत्नी साफिया को टिकट, 5.मेवाराम जैन बाड़मेर बाड़मेर से दो बार सांसद, 3 बार विधायक रहे बिरदीचंद जैन के रिश्तेदार, 6.मनोज मेघवाल सुजानगढ़ पूर्व मंत्री भंवरलाल मेघवाल के पुत्र, 7.रीटा चौधरी मंडावा मंडावा से 6 बार जीते रामनारायण चौधरी की पुत्री, 8.दानिश अबरार सवाईमाधोपुर पूर्व राज्यसभा सांसद अबरार अहमद के पुत्र, 9 सचिन पायलट टोंक पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट और पूर्व विधायक-सांसद रमा पायलट के पुत्र, 10.विजयपाल मिर्धा डेगाना नाथूराम मिर्धा परिवार से,पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा के पुत्र,11.दिव्या मदेरणा ओसियां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की पौत्री, पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की बेटी, 12. महेंद्र विश्नोई लूणी पूर्व मंत्री रामसिंह विश्नोई के पौत्र और पूर्व विधायक मलखान विश्नोई के पुत्र, 13.प्रीति शक्तावत वल्लभनगर पूर्व मंत्री गुलाबसिंह शक्तावत की पुत्रवधू,पूर्व विधायक गजेंद्र शक्तावत की पत्नी, 14.विवेक धाकड़ मांडलगढ़ तीन बार प्रत्याशी रहे कन्हैयालाल धाकड़ के पुत्र, 15.रोहित बोहरा राजाखेड़ा पूर्व मंत्री प्रद्युम्नसिंह के पुत्र शामिल है।
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भले ही दोनो पार्टियों के नेता एक दूसरे पर परिवारवाद व वंशवाद का जमकर आरोप लगाते हो, लेकिन इन नामों के बाद ये साफ हो रहा है कि वंशवाद दोनों ही पार्टियों में दिखाई देता है।