पाली। अस्पताल में भर्ती बीमार पिता को संभालने के बजाय 11 अगस्त को प्रेमी के साथ भागी युवती रविवार को तखतगढ़ थाने पहुंची कहा कि उसने कोर्ट मैरिज कर ली है। अब वह प्रेमी के साथ ही रहेगी। युवती घर से अस्पताल जाने की कहकर निकली थी। वहीं थाने पहुंचे परिजनों व युवती के बीच 3 लाख रुपयों को लेकर तकरार हो गई। घरवालों ने बेटी पर आरोप लगाया कि वह अपने पिता के ऑपरेशन के लिए रखे रुपए लेकर फरार हो गई थी। जबकि युवती ने पुलिस को बताया कि वह घर से 500 रुपए, आधार कार्ड और अपनी बीमारी की पर्ची के अलावा कुछ नहीं लेकर गई।
पुलिस ने बताया कि तखतगढ़ थाना क्षेत्र निवासी 20 साल की युवती व उसका प्रेमी तखतगढ़ निवासी हितेश कुमार पुत्र भूराराम घांची 11 अगस्त को निजी बस से शिवगंज पहुंचे। यहां से कार किराए पर लेकर अहमदाबाद गए। फिर आगे ट्रेन से मुंबई गए। बोरावली क्षेत्र में एक होटल में रूके और वहीं कोर्ट मैरीज कर ली। रविवार को वापस तखतगढ़ थाने पहुंचे और शादी के बारे में पुलिस को बताया। सूचना मिलने पर परिजन भी थाने पहुंचे। यहां बाप-बेटी में रुपए को लेकर तकरार हो गई। पिता इस बात पर अड़े रहे कि रुपए उनकी बेटी ने ही लिए है, जबकि उसका कहना था कि वह रुपए लेकर नहीं गई है। पुलिस ने मामला शांत करवाया और युवती को प्रेमी के साथ भेजा दिया। अब पुलिस घर से गायब हुए 3 लाख 15 हजार रुपए की जांच में जुट गई है।
परिजनों ने बताया कि युवती की सगाई खांगड़ी गांव में हो गई थी। चार महीने बाद दो बेटियों की शादी करने की तैयारी में परिजन जुटे थे, लेकिन युवती अपने प्रेमी संग भाग गई। युवती के कोर्ट मैरिज के बारे में जब परिजनों को पता चला तो वे रोने लगे। बेटी को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी।
सामने आया कि परिजनों ने युवती के नाम 2 लाख की एफडी करवा रखी थी। थाने में उसके पिता ने कहा कि इस एफडी पर हमारा हक है, कम से कम इस पर साइन कर दो ताकि यह रुपए तो हमें मिल सके। युवती इस पर भी राजी नहीं हुई। उसने साइन करने से मना कर दिया। इस बात पर भी परिजनों के साथ उसकी जमकर बहस हुई।
युवती के पिता हार्ट के मरीज है। डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी थी। जिस पर गेहूं की फसल के आए दो लाख 15 हजार रुपए लॉकर घर में रखे थे। ऑपरेशन में राशि कम पड़ने पर एक लाख रुपए अपने भाई से उधार लिए थे। परिजनों ने पुलिस को दी रिपोर्ट में यह आरोप लगाया था कि तीन लाख 15 हजार रुपए जो घर में रखे थे वह राशि युवती अपने साथ ले गई। रविवार को जब युवती थाने पहुंची तो उसके पिता अस्पताल में भर्ती थे। वे भी अपनी बेटी को समझाने थाने पहुंचे, लेकिन वह अपने फैसले पर अड़ी रही।