बीकानेर। एक तरफ लोग कोरोना वायरस संक्रमण से दम तोड़ रहे है, वहीं दूसरी तरफ जरूरत को अवसर समझकर कुछ लोग रुपए कमाने के लिए कालाबाजारी भी कर रहे है। इसी संकट के दोरान बीकानेर में पिछले दिनों रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पकड़ी गई थी और अब ऑक्सीजन सिलेंडर अवैध रूप से रखने का मामला सामने आया है। आश्चर्य है कि बीकानेर में एक ऑक्सीजन सिलेंडर 45 हजार रुपए में बेचा जा रहा है।
पुलिस के एक कांस्टेबल ने बोगस ग्राहक बनकर स्वयं ये सौदा किया और बात फाइनल होने पर आसपास खड़ी पुलिस को इशारा करके बुलाया। सीओ सदर पवन भदौरिया और पुलिस उप अधीक्षक धरम पूनिया के नेतृत्व में एक टीम ने नागणेचीजी मंदिर क्षेत्र स्थित एक मकान से 39 सिलेंडर जब्त किए गए हैं।
उप अधीक्षक पूनिया ने बताया कि इस मकान पर पिछले तीन दिन से पुलिस निगरानी कर रही थी। यहां ऑक्सीजन सिलेंडर आ रहे थे और जा भी रहे थे। ऐसे में यहां से कालाबाजारी होने की आशंका थी। इस बारे में गहन जांच करने के बाद पता चला कि अंदर बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर रखे हुए हैं। पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा से निर्देश मिलने के बाद इस घर पर छापा मारा गया। यहां 39 सिलेंडर मिले हैं, जिसमें बारह भरे हुए हैं, जबकि शेष 27 खाली है। छोटे और बड़े दोनों तरह के सिलेंडर पुलिस ने जब्त किए हैं।
कांस्टेबल दीपक यादव सिलेंडर लेने के लिए नागणेचीजी मंदिर के पास स्थित इस घर पर पहुंचे। जहां उसे सिलेंडर की कीमत 45 हजार रुपए बताई गई। सौदा तय होने के बाद दीपक ने तैयार खड़ी पुलिस को इशारा कर दिया। मौके पर चार जनों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार युवकों ने बताया कि वो पीबीएम अस्पताल में काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ भुवनेश कुमार के लिए काम करते हैं। पुलिस ने यहां से सार्दुलगंज निवासी सुनील कुमार ब्राह्मण, तिलक नगर डिस्पेंसरी में संविदा पर काम करने वाला रतनगढ़ निवासी प्रभुदयाल, सीएमएचओ ऑफिस में संविदा पर काम करने वाला भीखमचंद और एंबुलेंस ड्राइवर बलवीर सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
राज्य सरकार के आदेश और महामारी के चलते प्रदेश में प्रशासन के अलावा किसी के पास भी ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं रखे जा सकते। भरे हुए बारह सिलेंडर रखना भी अपराध है। पूनिया ने बताया कि यह सिलेंडर भुवनेश नामक व्यक्ति के बताए जा रहे हैं। मामले में सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।