जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल और पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ (Parliamentary Affairs Minister Shanti Dhariwal and Tourism Development Corporation Chairman Dharmendra Rathod) ने कांग्रेस की केंद्रीय अनुशासन समिति (Congress Central Disciplinary Committee) की ओर से दिए गए नोटिस का गुरुवार को जवाब भेज दिया है। मुख्य सचेतक महेश जोशी शुक्रवार को अपना जवाब भेजेंगे।
गौरतलब है कि जयपुर में मुख्यमंत्री निवास पर 25 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन की मौजूदगी में विधायक दल की बैठक होनी थी। इसमें सीएम पद का फैसला सोनिया पर छोड़ने को लेकर एक लाइन का प्रस्ताव पारित होना था। गहलोत समर्थक विधायकों को आशंका थी कि प्रस्ताव पारित होने के बाद आलाकमान पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को सीएम बना सकता है। ऐसे में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के आवास पर गहलोत समर्थक विधायकों की बैठक बुलाई गई।
जोशी और राठौड़ ने विधायक दल की बैठक में नहीं जाने व धारीवाल के आवास पर पहुंचने को लेकर विधायकों को फोन किए थे। गहलोत समर्थक विधायकों से धारीवाल, जोशी और राठौड़ ने कागज पर त्यागपत्र लिखवाकर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को दिए थे। विधायक दल की बैठक के समानांतर बैठक करने और विधायकों से त्यागपत्र दिलवाने को पार्टी ने अनुशासनहीनता मानते हुए तीनों को नोटिस जारी किया था। उन्हें नोटिस का जवाब 10 दिन में देने के लिए कहा गया था।
उधर, अनुशासन समिति के सचिव तारिक अनवर कहा कि अभी तक तीनों नेताओं में से किसी का जवाब नहीं मिला है। हो सकता है नवरात्रि में पूजा-पाठ के कारण उन्हें समय नहीं मिला हो। मेरा मानना है कि जवाब जल्द आ जाएंगे। जवाब आने के बाद अनुशासन समिति की बैठक बुलाकर देखा जाएगा कि उन्होंने क्या लिखा है। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट को भी देखा जाएगा। तीनों नेताओं के जवाब और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। यदि उनका जवाब संतोषजनक होगा तो माफ भी किया जा सकता है।