कोटा। कोटा में स्टार्ट-अप्स के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर (Incubation Center for Start-ups in Kota) के बाद जल्द इनोवेशन हब भी बनेगा। इनोवेशन हब अन्य क्षेत्रों के साथ डिफेंस सेक्टर (defense sector) की आवश्यकताओं की भी पूर्ति करेगा। यह जानकारी आई-स्टार्ट कार्यक्रम के प्रोग्राम मैनेजर अमित पुरोहित ने दी। नेशनल डिफेंस एमएसएमई कॉन्क्लेव (National Defense MSME Conclave) के तहत आयोजित स्टार्ट-अप सेशन में पुरोहित ने बताया कि आई-स्टार्ट एक अम्ब्रेला कार्यक्रम की तरह राजस्थान में स्टार्ट-अप्स को आगे आने में मदद कर रहा (i-Start as an umbrella program helping start-ups in Rajasthan to come forward) है।
एसआईडीएम स्टार्ट-अप फोरम के अध्यक्ष अभिषेक जैन ने बताया कि डिफेंस सेक्टर में एमएसएमई के बाद स्टार्ट-अप्स की भूमिका बढ़ती जा रही है। रक्षा मंत्रालय से डिफेंस क्षेत्र में कार्य कर रहे स्टार्ट-अप्स को 400 करोड़ के ऑर्डर मिले हैं। रक्षा बजट को देखते हुए भले ही यह आंकड़ा बहुत कम है, लेकिन ऑर्डर की संख्या में तेजी से हो रही बढ़ोतरी स्टार्ट-अप क्षेत्र के लिए उत्साहजनक है। इसी सेशन के दूसरे सत्र में भारत सरकार के कार्यक्रम इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस में प्रस्तुत की गई चुनौतियों को जीतने वाले पांच स्टार्टअप्स सागर डिफेंस, सैफ सीज, बिग बैंग बूम, लेखा वायरलैस तथा बिग कैट वायरलैस के प्रतिनिधियों ने युवाओं को बताया कि चुनौतियों का समाधान निकालने का रास्ता कठिन है पर सफलता मिलने के बाद वह पूरी दुनिया के लिए राहत लाती है। उन्होंने अपने स्टार्ट-अप्स की यात्रा के दौरान अपने अनुभवों के बारे में बताया तथा कोटा के युवा विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिए।
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बिरला ने एमएसएमई और स्टार्टअप्स के उत्पादों को सराहा
उद्घाटन कार्यक्रम के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भी डिफेंस एक्सपो देखा। इस दौरान स्टार्टअप्स और एमएसएमई द्वारा प्रतिशत उत्पादों ने दोनों को हतप्रभ कर दिया। रक्षा उत्पाद देखने के बाद स्पीकर बिरला ने कहा कि हमारे एमएसएमई और स्टार्टअप्स के आइडिया हतप्रभ करते हैं। वे बहुत आगे की सोच रखते हैं। वे अपने नवाचारों के जरिए बड़ी चुनौतियों का समाधान कितनी सहजता से कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में यह एमएसएमई और स्टार्टअप्स सबसे अहम भूमिका निभाएंगे।