बून्दी। कोतवाली थाना पुलिस ने शहर के रणजीत निवास निवासी सिल्विन क्वाड्रिस की रिपोर्ट पर बून्दी के पूर्व महाराव स्वर्गीय रणजीत सिंह के मित्र स्वर्गीय अविनाश चानना के दो पुत्रो सुुनील व समीर चानना के खिलाफ कूटरचना व फर्जी हस्ताक्षर कर जाली दस्तावेज बनाकर सम्पत्ति हड़पने की कोशिश करने के मामले मे मुकदमा दर्ज किया है।
आशापुरा माताजी ट्रस्ट के मेनेजर सिल्विन क्वाड्रिस द्वारा सौपी गई रिपोर्ट के अनुसार स्वर्गीय महाराज कुमार रणजीत सिंह का देहांत 7 जनवरी 2010 को हो गया था। मृत्यु से पूर्व महाराज कुमार रणजीत सिंह को उनके मित्र अविनाश चानना व उनके पुत्र सुनील चानना, समीर चानना निवासी नई दिल्ली धोखाधड़ी करने की नीयत से महाराज कुमार रणजीत सिंह को अपने साथ बहला फुसलाकर दिल्ली ले गए थे। उस समय महाराज कुमार रणजीत सिंह की करोड़ों रुपये की विवादग्रस्त प्रोपटी के मुकदमे विचाराधीन थे। पूर्व महराव के मित्र स्वर्गीय अविानाश चानना ने महाराव को दिल्ली ले जाकर महाराज कुमार रणजीत सिंह की विवादग्रस्त प्रोपर्टी को हडपने के लिये 30 मार्च 2009 को एक जाली विल बनाकर महाराजा कुमार रणजीत सिंह के फर्जी दस्तखत कर लिए और महाराजकुमार रणजीत सिंह की विवादग्रस्त प्रोपर्टी की वसीयत अपने नाम लिख ली जबकि 30 मार्च 2009 को महाराज कुमार रणजीत सिंह अस्पताल में भर्ती थे।
दौराने मुकदमें बूंदी में जब उक्त दस्तावेज प्रकट हुआ तो उक्त दस्तावेज को देखने मात्र से व महाराज कुमार रणजीत सिंह के हस्ताक्षर देखने से प्रथम दृष्टया कूटरचित प्रतीत हुआ तो उक्त दस्तावेज व महाराजकुमार रणजीत सिंह के हस्ताक्षर की जांच 8434 अमेजिंग सॉल्यूशन फोरेंसिक लैब से करवाई गई जिसमें उक्त दस्तावेज पर महाराज कुमार रणजीत सिंह के. हस्ताक्षर कूटरचित होना पाया गया। जिसके बाद हाईकोर्ट दिल्ली द्वारा 4 जुलाई 2019 को मुल्जिमान व उनके पिता द्वारा लगाई गई याचिका को सच नही मानते हुये खारिज कर दिया था। रिपोर्ट मे आरोपियो द्वारा महाराज कुमार रणजीत सिंह की करोड़ो की प्रॉपर्टी को हडपने के लिए धोखाधडी करने, मिलीभगत कर राजपरिवार की संपति हडपने का प्रयास करते हुए महाराज कुमार रणजीत सिंह के जाली दस्तखत करके आधी संपति अपने नाम लिखने का उल्लेख भी है। इस पर कोतवाली थाना पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी मे मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच कोतवाली थाने के एसआई रमेशचन्द कर रहे है।