जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस के अंदरूनी संकट के बीच सोनिया गांधी चार दिनों के दौरे पर राजस्थान पहुंची (Sonia Gandhi reached Rajasthan on a four-day tour) हैं। राजस्थान में अशोक गहलोत को लेकर अटकलें फिर तेज हो गई हैं। राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच चलने वाली तनातनी की वजह से अक्सर लगता है कि कांग्रेस सरकार डगमगा रही है। अगर अशोक गहलोत राजस्थान से हटते हैं तो सचिन पायलट ही मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार होंगे। कयास ये भी लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस गहलोत को भी नाराज नहीं करना चाहती इसलिए किसी तीसरे शख्स पर भी दांव खेल सकती है। हालांकि अभी यही बताया गया है कि सोनिया गांधी चुनाव के परिणामों पर चर्चा करने और भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने राजस्थान पहुंची हैं।
सोनिया गांधी गुरुवार को ही राजस्थान पहुंच गई हैं। 9 दिसंबर को राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी रणथंबौर में एक साथ होंगे। सोनिया उन दोनों के ही साथ अपना जन्मदिन मनाएंगी। इसके बाद वह 11 दिसंबर तक राजस्थान में ही रहेंगी। 10 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा महिलाओं के लिए रिजर्व की गई है, इस दिन सोनिया गांधी भी यात्रा में शामिल हो सकती हैं। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान में पार्टी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा उनसे मुलाकत कर सकते हैं।
गुरुवार को यात्रा कोटा से बूंदी पहुंच गई है। शुक्रवार को यात्रा विराम रहेगा और इसके बाद 10 तारीख को दोबारा यात्रा शुरू होगी। गुरुवार को भारत जोड़ो यात्रा के 93 दिन पूरे हो गए हैं। गुरुवार की यात्रा पूरी करने के बाद वह चॉपर से रणथंभौर पहुंचें। राजस्थान यात्रा के बीच पहला राज्य है जहां कांग्रेस की सरकार है। राज्य में यह यात्रा कुल 500 किमी की होगी। इसके बाद यात्रा हरियाणा में प्रवेश हो जाएगी। 7 सितंबर को यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। इसके बाद केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र होते हुए कांग्रेस की महत्वाकांक्षी यात्रा राजस्थान पहुंच गई है।
फरवरी 2023 में भारत जोड़ो यात्रा जम्मू-कश्मीर पहुंचेगी। इसके जरिए कुल 3570 किलोमीटर की पदयात्रा होगी। बतादें, कि दो दिन पहले ही राजस्थान प्रभारी रहे अजय माकन के इस्तीफे के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान प्रभारी बना दिया है। गहलोत कैंप माकन से नाराज चल रहा था। इसके बाद माकन ने पदमुक्त करने के लिए खड़गे को पत्र लिखा था। 2020 में भी ऐसा ही हुआ था जब पायलट की बगावत की वजह से तत्कालीन प्रभारी अविनाश पांडेय को पद से हटाया गया था।