नई दिल्ली। रिजर्व बैंक (RBI) ने आज अपनी मौद्रिक नीति का ऐलान (Announcement of monetary policy) कर दिया है। पिछली दो बार की तरह इस बार भी आरबीआई ने रेपो रेट को बढ़ा दिया है। आरबीआई ने इस बार रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा (Repo rate hiked by 0.50 percent) किया है। इस बढ़त के साथ रेपो रेट अब 5.40 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है। मौद्रिक नीति की घोषणा का ऐलान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज मुम्बई में किया है।
आरबीआई की तरफ से आज रेपो रेट में इस इजाफे के बाद यह दर अगस्त 2019 के बाद सबसे अधिक हो गई है। इस तरह रेपो रेट अब कोरोना महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गई है।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023 के लिए सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) की ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसके साथ ही मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) और बैंक रेट्स को 5.15 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी कर दिया है।
बढ़ जाएगी लोन की किस्त
रेपो रेट में आज हुई बढ़ोतरी के बाद बैंक अपनी लोन की ब्याज दरों को बढ़ा सकते हैं। हो सकता है कि यह बढ़ोत्तरी तुरंत हो या कुछ दिन बाद, लेकिन होना लगभग तय लग रहा है। इससे होम लोन के साथ ऑटो लोन और पर्सनल लोन महंगा हो जाएगा। अगर किसी ने 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है और उसकी अवधि 20 साल की है तो ऐसे में आधा फीसदी बढ़ने पर लोन की किस्त 24,168 रुपये से बढ़कर 25,093 रुपये हो जाएगी। माना जा रहा है कि होम लोन की अभी ब्याज दर साढ़े सात फीसदी है, जो बढ़कर 8 फीसदी हो सकती है।
आरबीआई आज से पहले दो बार रेपो रेट में बढ़त कर चुकी है। इन दो बार को मिलाकर 0.90 फीसदी की बढ़त हो चुकी थी। आज से पहले 8 जून 2022 को और इससे पहले 4 मई 2022 को रेपो रेट को बढ़ाया गया था। जहां मई 2022 में रेपो रेट 0.40 फीसदी बढ़ाया गया था, वहीं जून 2022 में रेपो रेट 0.40 फीसदी बढ़ाया गया था।
मोदी सरकार में रेपो रेट की हिस्ट्री काफी रोचक है। पूरे मोदी सरकार के कार्यकाल में यह दर कभी उतना नहीं रही जितनी दर ठीक मोदी सरकार के शपथ के ठीक पहले थी। जब मोदी सरकार ने कार्यकाल संभाला तो रेपो रेट की दर 8 फीसदी थी, जो फिर कभी उतनी नहीं हुई है।