कोटा। देश के प्रतिष्ठित Indian Institute of Technology की बेचलर ऑफ टेक्नोलॉजी, इंटीग्रेटेड एमटेक व डुएल डिग्री कोर्सेज में प्रवेश JEE Advanced प्रवेश से होता है। इस साल परीक्षा का आयोजन 28 अगस्त को किया जाना है। बीते सालों के आंकड़ों के मुताबिक करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी दोनों शिफ्ट के एग्जाम में बैठते हैं।
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नीट यूजी व जेईई मेन प्रवेश परीक्षाओं की तरह JEE Advanced प्रवेश परीक्षा का पैटर्न परीक्षा के पहले घोषित नहीं किया जाता। प्रश्न पत्र में प्रश्नों की संख्या, मार्किंग पैटर्न, पूर्णांक किसी की भी जानकारी नहीं दी जाती है, लेकिन 30 फीसदी अंक लाने वाले विद्यार्थियों को भी एडवांस्ड से IIT में प्रवेश मिल रहा है। हालांकि एग्जाम में सफल होने के लिए विद्यार्थी की सजगता, मानसिक दृढ़ता व परिस्थिति अनुसार निर्णय लेने की क्षमता महत्वपूर्ण है। जेईई एडवांस्ड में सभी प्रश्नों को हल करने की प्रवृत्ति घातक सिद्ध हो सकती है। किन प्रश्नों को हल करना है और किन प्रश्नों को नहीं, यह चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
शर्मा ने बताया कि joint implementation committee की पिछले 3 सालों की रिपोर्ट के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए, तो सामने आता है कि करीब 30 फीसदी अंक हासिल करने पर विद्यार्थी को आईआईटी संस्थानों में प्रवेश मिल जाता है। IIT संस्थानों में बीटेक, इंटीग्रेटेड एमटेक व डुएल डिग्री कोर्सेज की लगभग 16 हजार सीटें हैं। इन आंकड़ों से यह साफ है कि ऑल इंडिया रैंक प्रथम प्राप्त करने वाले विद्यार्थी का अंक प्रतिशत लगभग 90 फीसदी के करीब है, जबकि कॉमन रैंक लिस्ट में 16001 ऑल इंडिया रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी का प्रतिशत लगभग 25 फीसदी के पास है।
साल 2019 में यह अधिकतम 30.37 फीसदी था। जबकि 2020 में 23.74 व 2021 में 25.27 फीसदी रहा। ऐसे में जेईई 2022 की कॉमन रैंक लिस्ट (CRL) में प्रथम 16 हजार में स्थान लाने के लिए भी करीब 30 फीसदी से ज्यादा अंक लाने की आवश्यकता है। शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी सकारात्मक मानसिकता व समर्पण के साथ JEE Advanced 2022 में शामिल होने पर सफलता मिल सकती है। पहली से अंतिम रैंक के स्टूडेंट्स में अंक व प्रतिशत में अंतर-
वर्ष | कुल अंक | पहली रैंक (1) | Last Rank(16001) |
2021 | 360 | 348/96.66 | 91/25.27 |
2020 | 396 | 352/88.88 | 98/24.74 |
2019 | 372 | 346/93.00 | 113/ 30.37 |