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खड़गे ने संभाली कांग्रेस की कमान, राजस्थान पर फैसले से पहले CWC और AICC महासचिवों ने दिए इस्तीफे


नई दिल्ली। कांग्रेस को 22 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का नया बॉस मिल गया है। कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Newly elected Congress President Mallikarjun Kharge) ने गोवेर्धन पूजा के शुभावसर पर पार्टी की कमान संभाल ली (took charge of the party) है। इसी के साथ ही देश की सबसे पुरानी पार्टी को नया आलाकमान मिल गया है। अध्यक्ष बनने के बाद खड़गे ने अपने पहले भाषण में ही ऐलान कर दिया कि वो उदयपुर अधिवेशन के फॉर्मूले को लागू करेंगे और इसके तहत पार्टी के 50 प्रतिशत पद 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिए जाएंगे।

खड़गे ने भाजपा पर भी हमला बोलते हुए कहा कि अपने मुताबिक नया भारत बनाने के नाम पर वे कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का नारा देते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि जब तक कांग्रेस मौजूद है, तब तक वे ऐसा नहीं कर सकते। हम ऐसा नहीं होने देंगे और इसके लिए लगातार लड़ाई जारी रखेंगे। 

कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पदभार संभालने के कुछ घंटे के भीतर ही कांग्रेस कार्य समिति भंग कर दी गई।  सिर्फ CWC के सभी सदस्यों ने ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के सभी महासचिव और प्रभारियों ने पार्टी के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी। वेणुगोपाल ने ट्वीट में बताया कि CWC के सदस्यों का चयन जल्द ही किया जाएगा। कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जल्द ही अपनी नई टीम का ऐलान कर सकते हैं।

दूसरी ओर राजस्थान को लेकर भी एक बार फिर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मल्लिकार्जुन खड़गे के पदभार ग्रहण समारोह में शामिल हुए। लेकिन CWC और AICC महासचिव और प्रभारियों के इस्तीफे के बाद एक बार फिर समीकरण बदलते दिखाई दे सकते हैं। जिसका असर आगामी दिनों में राजस्थान पर भी पड़ता दिखाई देगा। 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी जी की जो इच्छा थी कि एक बार नॉन-गांधी बने अध्यक्ष, राहुल गांधी ने तय कर लिया कि नॉन-गांधी ही अध्यक्ष बनना चाहिए, इसलिए आज खड़गे साहब बने हैं और आज उनको चार्ज दिया गया है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम कैसे खड़गे को कामयाब करें, कांग्रेस को मजबूत करें, नए सिरे से कांग्रेस के अंदर बूथ, ब्लॉक, स्टेट लेवल पर कांग्रेस मजबूत हो, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया कॉन्फिडेंस पैदा हो, एक नई पारी की शुरुआत भी हो रही है क्योंकि चैलेंज बहुत बड़े हैं देश के सामने, ये जो मीडिया दिखा रहा है वो सबकुछ सच नहीं है, वो दबाव में दिखा रहा है। 

सीएम गहलोत ने कहा, अब देखिए दलित नेता को एक मौका मिला है अध्यक्ष बनने का, बहुत बड़ी बात है, बहुत बड़ा फैसला है, पूरे देश के दलित वर्ग के लोगों को भी एक विश्वास जमा है कि हमारी एक इतनी ऐतिहासिक पार्टी है कांग्रेस पार्टी, उसका अध्यक्ष बनना मायने रखता है और खड़गे साहब को ये अवसर मिला है, तो हम तो बार-बार उनको बधाई देते हैं, शुभकामनाएं देते हैं और मैं उम्मीद करता हूं कि दलित वर्ग का फायदा तो मिलेगा ही मिलेगा पार्टी को, दलित का मिलेगा, पिछड़ों का मिलेगा, आम लोगों का मिलेगा और चाहे वो कोई जाति, धर्म, वर्ग का आदमी हो, खड़गे साहब की पर्सनेलिटी ऐसी है, लंबा अनुभव है राजनीति में, इसलिए मेरा मानना है कि उन तमाम बातों का फायदा जो है, खड़गे साहब के बनने का फायदा ही मैं समझता हूं कि कांग्रेस को मिलेगा।

सीएम गहलोत ने कहा कि लास्ट मोमेंट तक ये प्रयास हुए कि राहुल गांधी अध्यक्ष बनें वापस। क्योंकि वो ही चुनौती दे सकते हैं मोदी जी को और सरकार को, एनडीए गवर्नमेंट को जो दे रहे हैं वो, अब यात्रा ने एक मैसेज दे दिया पूरी कंट्री के अंदर कि प्यार-मोहब्बत की राजनीति हो, हो क्या रहा है देश के अंदर? चिंता वाली बात है, हिंसा हो रही है, तनाव है, ये सब बंद होना चाहिए, ये मैसेज के साथ में जो वो चल रहे हैं महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर, तो पूरे देश में वेलकम हो रहा है उस यात्रा का। तो ये इस बार 22 साल तक जो श्रीमती सोनिया गांधी जी ने जो कांग्रेस का नेतृत्व किया वो हमेशा याद किया जाएगा, क्योंकि जब अध्यक्ष बनी थीं वो तब भी हम सबने रिक्वेस्ट की थी कि आप आगे आकर पार्टी की कमान संभालें, वरना पार्टी बिखर जाएगी, उस वक्त में 1998 में ये माहौल था और सबकी भावनाओं को देखते हुए, सोनिया गांधी जी ने कांग्रेस के इंटरेस्ट में किस रूप में उन्होंने स्वीकार भी किया इस चैलेंज को और उसके बाद में 22 साल तक वो कांग्रेस अध्यक्ष रहीं और जिस प्रकार से सरकारें बनाईं राज्यों में, 12-13 राज्यों में सरकारें बनी थीं उस वक्त में और साथ में 2 बार यूपीए गवर्नमेंट बनी, तो उन्होंने बखूबी निभाया उसको कोई भूल नहीं सकता। 

कांग्रेस के सामने जो बहुत बड़ा चैलेंज है कि बिना साधनों के, डरा रखा है सभी दानदाताओं को कि कांग्रेस को कोई तरह का चंदा नहीं मिलना चाहिए, तो बिना साधनों के कांग्रेस को लड़ाई लड़नी पड़ेगी और उसके लिए हम सबका माइंडसेट बनना चाहिए, उसी रूप में हम चैलेंज को स्वीकार करें और चैलेंज को स्वीकार करके हम लोग किस प्रकार से मुकाबला करें इन लोगों का, जो फासिस्टी लोग हैं, लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं, संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं, कानून का राज नहीं रह रहा है कई राज्यों में तो, सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ा है कि जो हेट स्पीच दे रहे हैं उनके खिलाफ में आप सुओ-मोटो एक्शन करें, मतलब केस दर्ज करो, कोई कंप्लेन्ट नहीं करे तब भी करो, क्या-क्या नहीं हो रहा है उत्तराखंड, यूपी, दिल्ली का नाम लिया है, तीनों राज्यों का नाम लिया है, जहां नफरत भरी जो स्पीच हुई है, उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या नहीं कहा है? तो तब भी इन लोगों के कोई असर नहीं पड़ता है क्योंकि इनका विश्वास नहीं है कि ज्यूडीशियरी का क्या महत्व है लोकतंत्र के अंदर, इसलिए ये तमाम बातें आपके सामने हैं। आज एक नई शुरुआत हो रही है और मैं समझता हूं कि हम सब मिलकर खड़गे साहब को कैसे सहयोग कर सकते हैं, उसमें हमेशा तत्पर रहेंगे।

 

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