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ट्रेन की खिड़की का कांच तोड़ते हुए डिब्बे के अंदर घुसा सरिया, यात्री की गर्दन के हुआ आर-पार, मौके पर ही मौत

दिल्ली से सुल्तानपुर जाने वाली नीलांचल एक्सप्रेस (Nilanchal Express) में शुक्रवार सुबह बड़ी घटना हो गई। पटरी पर मजदूर द्वारा छोड़े गए छोड़ा गया सरिया यात्री ट्रेन की खिड़की तोड़ते हुए यात्री के गर्दन के जा घुसा (Saria broke the window of the passenger train and entered the neck of the passenger)। जिसके चलते यात्री की ऑन स्पोट की मौत (On spot death of passenger) हो गई।

दिल्ली-लखनऊ ट्रेक पर लगभग 110 किमी. की तेज रफ्तार से दौड़ रही नीलांचल एक्सप्रेस में खिड़की तोड़कर भाले की तरह आया सब्बल यात्री की गर्दन के आर-पार होकर सीट के दूसरी तरफ भी निकल गया। पलभर में ही यात्री की मौत हो गई। परिजनों के रेलवे कर्मचारियों पर लापरवाही के आरोप की रिपोर्ट दी है। तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

शुक्रवार सुबह दिल्ली से लखनऊ के लिए नीलांचल एक्सप्रेस रवाना हुई। ट्रेन की जनरल बोगी में हरिकेश दुबे पुत्र संतराम थाना चांदा, जिला सुल्तानपुर सीट नंबर 15 पर बैठा हुआ था। सुबह करीब पौने नौ बजे डाबर स्टेशन से ट्रेन निकलने के दौरान अचानक खिड़की तोड़ते हुए गोली की रफ्तार से सब्बल हरिकेश की गर्दन से आर-पार हो गया। सब्बल सीट पारकर दूसरे तरफ भी जा निकला। हादसा होते ही डिब्बे में बैठे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। क्षणभर में हुए हादसे से सभी हतप्रभ थी। किसी की समझ नहीं आ रहा था कि यह सब कैसे हुआ।

यात्रियों ने चैन खींचकर ट्रेन को रोका तो मौके पर जीआरपी स्कॉट पहुंची। कंट्रोल रूम को सूचना देने के बाद ट्रेन को अलीगढ़ लाया गया। सूचना पर आरपीएफ जीआरपी व अधिकारियों ने गाड़ी के जनरल कोच को अटेंड किया। देखा कि कोच के दूसरे केबिन के सीट नं-15 पर बैठे यात्री के बाएं तरफ से एक लोहे सब्बल (लगभग 5 फीट, वजन 6.6 किग्रा) घुसकर दाहिने तरफ कान के नीचे से निकलकर पार करते हुए प्रथम केबिन की तरफ निकल गया था। जीआरपी अलीगढ़ द्वारा मौके की कार्रवाई कर शव को कब्जे में ले लिया और केबिन साफ कराकर गाड़ी को करीब 10.28 मिनट पर रवाना किया गया। 

हादसे में दूसरा युवक भी चपेट में आ सकता था। दरअसल जनरल बोगी की जिस सीट पर हरिकेश बैठा था, उसकी दूसरी तरफ सीट संख्या पांच पर एक युवक यात्रा कर रहा था। सब्बल युवक के गर्दन और केबिन को चीरते हुए दूसरी ओर पहुंच गया था। घटना जब घटी तब दूसरा युवक सिर नीचे करके सो रहा था। अगर वह युवक बैठा होता तो उसके गर्दन में सब्बल घुस सकता था। घटना के बाद युवक बदहवास सा नजर आया। बोगी में मौजूद अन्य यात्रियों ने उसे संभाला।

लोहे का भारी सब्बल ट्रेन की खिड़की तोड़कर यात्री की गर्दन में कैसे घुसा। यह रेलवे की जांच का विषय है। आशंका जताई जा रही है कि पटरी पर काम कर रहे मजदूर सब्बल छोड़कर गए होंगे। दरअसल सब्बल पटरी पर पड़ने वाले पत्थरों व सीमेंटड स्लैब को हटाने के काम में आता है। सब्बल लोहे की सरिया नुमा लंबा औजार होता है। सब्बल में करीब पांच किलो तक वजन होता है, जिसका एक भाग नुकीला होती है।

एनसीआर के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय का कहना है कि सोमना और डाबर स्टेशन के बीच एक अजीबो गरीब हादसा हुआ है। जिसमें सुल्तानपुर के एक युवक की जान गई है। मामले की जीआरपी और आरपीएफ संयुक्त जांच कर रही है। परिजनों से वार्ता हुई है। परिजनों को रेलवे नियमों के अधीन मदद की जाएगी। सब्बल कैसे खिड़की से घुसा, पटरी के पास कहां से आया। इन सभी तथ्यों की जांच कराई जा रही है।

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