‘पाक्सो एक्ट में हमेशा पुरुष ही दोषी होगा ऐसा नहीं है। इस एक्ट के तहत दोष सिद्ध होने पर कोई महिला या लड़की भी उसी सजा की हकदार है, जितना कि कोई दोषी पुरुष, एक हैरतअंगेज मामले में 19 साल की युवती को 10 साल की सश्रम कारावास की सजा (19 Year Old Girl Sentenced to 10 Years Rigorous Imprisonment) सुनाते वक्त, यह बेबाक टिप्पणी फैसला सुनाने वाली कोर्ट ने की है।
मामला साल 2018 का था, मुकदमे के मुताबिक 19 साल की युवती ने 15 साल के लड़के का अपहरण (19 year old girl kidnapped 15 year old boy) किया। उसके बाद उसने लड़के को अपने साथ कई बार शारीरिक संबंध (physical intercourse multiple times) बनाने के लिए भी मजबूर किया।
यह मुकदमा मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर जिले के थाना बाणगंगा में दर्ज हुआ था। अपहरण किए गए किशोर की मां ने 5 नवंबर साल 2018 को थाने पहुंचकर लिखित शिकायत दी थी। जिसमें उसने कहा था कि, उसके 15 साल का नाबालिग बेटा 3 नवंबर 2018 की रात को घर से दूध लेने बाजार गया था। काफी इंतजार के बाद भी जब वापिस घर नहीं लौटा तो परिजनों ने आसपास और रिश्तेदारों में छानबीन की।
क्हीं नहीं मिलने पर महिला ने बेटे के अपहरण का मुकदमा थाने में दर्ज करा दिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद जांच में जुटी पुलिस को पता चला कि लड़का खुद से ही कहीं नहीं गया था अपितु उसका अपहरण कर लिया गया है। अपहरण भी 19 साल की एक युवती द्वारा किए जाने बात जांच में सामने आ रही थी। पुलिस ने छापा मारकर गुजरात के एक होटल से लड़के को बरामद (Boy recovered from hotel) कर लिया। किशोर ने पुलिस को बताया कि उसका अपहरण राजस्थान की रहने वाली युवती ने किया था। जिसकी उम्र 19 साल थी।
अपहरण के बाद युवती किशोर को गुजरात ले गई (The girl took the boy to Gujarat)। वहां युवती ने लड़के की एक फैक्टरी में नौकरी लगवा दी। गुजरात के होटल में रहने के दौरान कई बार युवती ने लड़के की मर्जी के बिना शारीरिक संबंध बनाए (The girl made physical relations without the consent of the boy)। लड़का परिजनों से बात न कर सके, इसके लिए युवती ने उसका मोबाइल फोन भी छिनकर अपने कब्जे में ले लिया। बुधवार को इसी मामले में विशेष पाक्सो कोर्ट ने फैसला सुना दिया।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने न केवल 19 साल की युवती को किशोर के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने का दोषी पाया। अपितु अपहरण का षडयंत्र रचने का अपराधी भी युवती को कोर्ट के सामने पुलिस साबित कर पाने में कामयाब रही। कोर्ट ने फैसले में युवती को 10 साल के कठोर कारावास की सजा और 3 हजार रुपए का अर्थदंड का भी आदेश दिया। वहीं दूसरी ओर कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से कहा है कि वो, पीड़ित किशोर को 50 हजार रुपए का हर्जाना (प्रतिकर) दे।
कोर्ट का फैसला आने के बाद पीड़ित किशोर की मां और मुकदमे की शिकायतकर्ता ने कहा कि वो, चूड़ी बना-बेचकर घर की गुजर बशर कर रही थी। नाबालिग बेटे के अपहरण ने उसके घर को बर्बाद कर डाला। महिला ने कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जाहिर की। उधर संबंध पाक्सो कोर्ट ने कहा कि, “पाक्सो कानून सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं बना है, अगर कोई महिला इस एक्ट की अवहेलना करती है तो उसे भी पॉक्सो एक्ट के तहत मुजरिम करार देकर सजा मुकर्रर की जा सकती है।”