सवाई माधोपुर, (के पी सिंह)। जिले में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान (war campaign for pure) के तहत चिकित्सा एंव स्वास्थ्य की खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा शादी विवाह के इस सीजन में लगातार कार्यवाही (Continuous action in this season of marriage) की जा रही है। जिसके अर्न्तगत खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा बुधवार अलसुबह सीएमएचओ डॉ. धर्मसिंह मीणा के नेतृत्व में सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन (Sawai Madhopur Railway Station) के प्लेटफॉर्म नंबर चार पर कार्यवाही कर करीब 250 पोटलियों में 100 क्विंटल से अधिक मावा (More than 100 quintals of Mawa in 250 bundles) पकड़ा। लेकिन विडंबना यह रही कि खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा सैम्पल लेने के बाद मावे को रिलिज कर दिया गया।
सीएमएचओ डॉ. धर्म सिंह मीणा ने बताया कि मुखबिर से उन्हें लगातार शिकायत मिल रही थी कि आगरा एंव मथुरा से ट्रेन द्वारा बड़ी मात्रा में प्रतिदिन मिलावटी मावा सवाई माधोपुर आ रहा है। मुखबिर की सूचना के आधार पर आज रेलवे स्टेशन पर कार्यवाही की गई और 100 क्विंटल से अधिक मावा पकड़ा गया। पकड़े गये मावे में सबसे अधिक करीब 125 पोटली विजय मावा की एंव करीब 47 पोटलिया राहुल मावा की अन्य बाकी पोटलिया अन्य फर्मों की है।
सीएमएचओ ने बताया कि पकड़े गये मावे के सैम्पल लेने के बाद मावा रिलिज कर दिया गया, जिसे सम्बंधित फर्म के लोग ले गए। सीएमएचओ का कहना है कि उनकी खाद्य सुरक्षा टीम के पास मौके पर मिलावट साबित करने के लिए सम्पूर्ण संसाधन नही है, ऐसे में मजबूरन उन्हें सैम्पल लेने के बाद मावा रिलीज करना पड़ा। बड़ी बात ये है कि जब खाद्य सुरक्षा टीम को मावे में मिलावट का अंदेशा था तो फिर पकड़े गये मिलावटी मावे को फिर रिलिज क्यो किया गया?।
खास बात यह है कि शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा कार्यवाही तो की जाती है पर संसाधनों के अभाव में मौके पर मिलावट साबित नही होने से हर बार मिलावटखोर बच निकलते है। पुर्व में भी इस तरह की कई कार्यवाहियां की गई, मगर आज तक किसी भी मिलावटखोर को सजा नही हुई। ऐसे में खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा की जाने वाली इस तरह की कार्यवाही महज दिखावा ही साबित हो रही है और मिलावटखोर हर बार बच निकलते है। जबकि आगरा एंव मथुरा से भारी मात्रा में मिलावटी मावा प्रतिदिन सवाई माधोपुर आ रहा है।
कार्यवाही के दौरान खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा ना तो पुलिस को सूचित किया गया और ना ही मावा जब्त किया गया और तो और सम्बंधित फर्मों के खिलाफ मिलावट का मामला भी दर्ज नही करवाया गया। ऐसे में खाद्य सुरक्षा टीम की इस कार्यवाही में भी मिलावट की बू आ रही है। टीम की यह कार्यवाही हर बार की तरह संदेह के घेरे में है। जब टीम द्वारा मावा पकड़ा गया है और पकड़े गये मावे में मिलावट का अंदेशा है तो फिर पकड़े गए मावे को नष्ट क्यों नही किया गया। क्यो मावे को रिलीज कर दिया गया, यह सबसे बड़ा सवाल है।
ऐसे में खाद्य सुरक्षा टीम की यह कार्यवाही महज दिखावटी और कागजी खानापूर्ति ही साबित हुई है। जबकि होना यह चाहिये था कि टीम द्वारा पकड़े गए मावे को नष्ट किया जाता और सम्बंधित फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाता, लेकिन यहां कार्यवाही के नाम पर महज दिखावा ही किया गया।